कैसे भुलाएं पुरानी दुख भरी यादें। how to forget past. जीतू बिंदास

सबसे ज्यादा दुखी उन्हीं लोगों को देखा जाता है जो अपनी यादों को भुला नहीं पाते हैं। बार-बार याद कर के खुद में ही परेशान होते रहते हैं, रह-रह कर उन्हीं यादों में डूब जाते हैं, जितना भूलने की कोशिश करते हैं उतना ही ज्यादा पुरानी बातें याद आती हैं। 
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     फिर पूछते हैं कैसे भुलाएं उन यादों को? उन पुरानी यादों के कारण आज भी ऐसे लोगों का मन दुखी रहता है। ऐसा क्यों होता है? दो तरह के लोगों को यादें ज्यादा परेशान करती हैं- एक वह जिसने आपको बहुत ज्यादा दुख दिया हो और दूसरा जिससे आपको बहुत ज्यादा प्रेम हो जाए। 

   



 जब हम किसी इंसान से इतना ज्यादा प्रेम करने लगते हैं जिसकी कोई सीमा नहीं है। हद से ज्यादा प्रेम निश्चित ही दुख का कारण बनता है क्योंकि किसी भी चीज की अति अच्छी नहीं होती। हर चीज में एक सीमा, एक हद होना जरूरी है। यदि कोई वाहन स्पीड लिमिट से अधिक तेज चल रहा है तो उसके दुर्घटना होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे ही यदि किसी से बहुत ज्यादा लगाव हो जाता है तो वह आपके लिए दुख का कारण बनता है। अफीम कई बीमारियों में दवा के काम करता है लेकिन यदि मात्रा अधिक कर दी जाए तो वह पागल बना देता है। प्रेम में भी हम इसीलिए दुख पाते हैं क्योंकि हम अति कर जाते हैं। बहुत ज्यादा प्रेम भी तनाव का कारण बन जाता है। लड़ाई-झगड़े का कारण बन जाता है। जब आप एक ही इंसान के पीछे पागल हो जाते हैं, जब आप एक ही इंसान को अपने सुख-दुख की वजह बना लेते हैं, जब आप किसी एक व्यक्ति पर खुद को निर्भर कर देते हैं तो आपको उससे बहुत सारी उम्मीदें हो जाती हैं और जब वह उम्मीदें पूरी नहीं होती तो दिल टूट जाता है। आप उसी से नफरत करने लगते हैं जिससे सबसे ज्यादा प्रेम करते थे। फिर कहते हैं मुझे धोखा मिला है। मैंने सच्चा रिश्ता निभाया और उसने धोखा दिया। आप निभाते हैं ठीक है, पर आप सामने वाले से उम्मीद करना छोड़ दीजिए कि वह भी आपके जैसा ही व्यवहार करेगा। किसी ओर के दिल को, किसी ओर के मस्तिष्क को कोई दूसरा कैसे नियंत्रित कर सकता है? जब आपका खुद का मन-मस्तिष्क दिल आपके नियंत्रण में नहीं है तो आप ने कैसे सोच लिया कि सामने वाले का मन-मस्तिष्क उसके नियंत्रण में होगा, आपने कैसे उम्मीद किया कि उसका मन सदा आप में ही लगा रहेगा। वह आपके मन मुताबिक ही हर कार्य करेगा। आपके इस व्यर्थ की उम्मीद की वजह से ही आज आप दर्द से गुजर रहे हो, तनाव में हो, परेशाानियों में हो। हद से ज्यादा प्यार करोगे तो हद से ज्यादा उम्मीदें भी होंंगी और वह उम्मीदें टूटेंगे तो हद से ज्यादा गम में चले जाएंगे और पुरानी यादों को याद करके तड़पते रहोगे।
    एक बात बताइए आपके पास कोई कार्य नहीं है? क्या आपका कोई मूल्य नहीं है? क्या आप इतने फालतू हो गए हो जो अब भी उन्हीं यादों में डूबे हो, उस इंसान के लिए मरे जा रहे हो जिसके लिए आप कुछ भी नहीं। जिस इंसान को आपके जीने मरने से कोई फर्क नहीं पड़ता। आप उस इंसान की यादों में डूबे रहते हो ।क्या आपके पास कोई और काम नहीं है? यह तीखे शब्द इसलिए कहे जा रहे हैं ताकि आप होश में आओ। जिंदगी में आगे बढ़ो। अतीत से सीख ले, उसे संजो कर ना रखें। 
   कई बार लोग कहते हैं कि दुख का कारण यह इंसान है, मेरे दुख का कारण वह इंसान है। इसने मुझे ऐसा कहा, उसने मुझे वैसा कहा। लेकिन उसने तो एक बार कहा और आप खुद को बार-बार वही बात कह कर दुखी क्यों हो रहे हो। सबसे पहले तो आप खुद की कदर करना सीखें। खुद को व्यस्त रखें और माफ कर दीजिए उनको, जिसने आपको दुख दिया है। जब तक आप उन्हें माफ नहीं करोगे तब तक भूल नहीं पाओगे, पर माफ करने का मतलब यह नहीं कि फिर से वही रिश्ता जोड़ लिया जाए। हर याद का एक समय होता है। यह आप पर निर्भर करता है कि आप उन यादों का बोझ लेकर आप अपनी जिंदगी में कितना आगे तक बढ़ते हो और हां याद रखना एक हल्का पत्थर भी ज्यादा समय तक उठाए रहने पर भारी लगने लगता है तो अब भूल जाओ उन यादों को, उन बातों को और समय के साथ जिंदगी में धीरे-धीरे आगे बढ़ जाइए। क्यों कि आप के रोने से, दुखी होने से किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता। तो आप क्यों अपना समय, अपनी जिंदगी भर में नष्ट कर रहे हैं  अपनी जिंदगी जिओ, और खुश रहो।
-जीतू बिंदास
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